Fundamental Duties in Indian Constitution ( भारतीय संविधान के मूल कर्तव्य )

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हेलो दोस्तों, आज का हमारा ये पोस्ट fundamental duties या यूँ कहें कि fundamental duties of india या भारत में मूल कर्तव्य के बारे में है। भारतीय नागरिक  होने के नाते हमें भारतीय नागरिकों के कर्तव्य  और अधिकार का पता होने ही चाहिए साथ ही ये fundamental duties of indian citizen उन परीक्षा  तैयारी करने कैंडिडेट के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि हर परीक्षा हमारे मूल कर्तव्य पर एक या दो नंबर के प्रश्न आ ही जाते हैं।

जैसे 26 जनवरी 1950 में लागू किये गये भारतीय संविधान में नागरिकों के केवल अधिकारों का ही उल्लेख किया था मूल कत्र्तव्यों का नहीं। संविधान के 42वें संशोधन के द्वारा भाग 4(क) में धारा 51 (क) के अंतर्गत 11 मौलिक कत्र्तव्यों का उल्लेख किया गया है।

 

लोग अपने अधिकार का तो बखूबी ध्यान देते है और उसके लिए हर जगह बातें भी करते हैं पर जब हमारे कर्तव्य की बात आती है तो अधिकतर लोग शान्त हो जाते हैं। यदि प्रत्येक व्यक्ति केवल अपने अधिकार का ही ध्यान रखे एवं दूसरों के प्रति कर्त्तव्यों का पालन न करे तो शीध्र ही किसी के लिए भी अधिकार नहीं रहेंगे।

भारतीय नागरिकों के मूल कर्तव्य से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य ( fundamental duties in indian constitution)

• मौलिक कर्तव्य मूल संविधान में नहीं थे 

• नागरिकों के मूल कर्तव्य को बाद में संविधान में जोड़ा गया 

• 42 संशोधन 1976 में कुल 10 मूल कर्तव्य को जोड़ा गया था 

• हालांकि स्वर्ण सिंह समिति ने संविधान में 8 मूल कर्तव्य को जोड़े जाने का सुझाव दिया था 

• भारतीय संविधान में मूल कर्तव्यों को मूल रूप में रूस ( पूर्व सोवियत संघ ) से लिया गया है।

• 86 संविधान संशोधन अधिनियम 2002 के द्वारा जोड़ा गया

• इसकी प्रकृति सकारात्मक होती है

• इसके उल्लघन में संविधान में दंड का प्रावधान नहीं किया गया है।

• जब इसको 1976 में संविधान में जोड़ा गया था तब इसकी संख्या 10 थी, परंतु 2002 में 86वें संविधान संशोधन द्वारा 11वाँ मूल कर्त्तव्य शामिल किया गया|

 

मूल कर्तव्य की विशेषताएं

• कुछ नैतिक कर्तव्य है तो कुछ नागरिक कर्तव्य 

• मूल कर्तव्य भारतीय परंपरा की पुरानी कथा, धर्म एवं पद्धतियों से संबंधित है 

• कुछ मूल कर्तव्य सभी नागरिकों के लिए हैं चाहे वे मूल नागरिक या विदेशी 

• कुछ मूल कर्तव्य केवल नागरिकों के लिए हैं ना कि विदेशों के लिए 

• मूल कर्तव्य गैर न्यायोचित हैं

 

मूल कर्तव्यों की सूची ( List of fundamental duties )

1. संविधान का पालन करना आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रीय ध्वज एवं राष्ट्रगान का आदर करना, 

2. स्वतंत्रता दिलाने वाले ऊंचे आदर्शों को संजोए रखना एवं उनका पालन करना

3. संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना 

4. देश की रक्षा करना एवं सेवा करना 

5. देश में सभी लोगों में समरसता एवं भाईचारा का निर्माण करना 

6. हमारी संस्कृति की रक्षा करना 

7. पर्यावरण, वन ,झील ,नदी एवं वन्य जीव की रक्षा करना 

8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण ,मानवतावाद तथा सुधार की भावना 

9. सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा करना एवं हिंसा से दूर रहना 

10. व्यक्तिगत रूप से प्रगतिशील रहना जिससे राष्ट्र की प्रगति हो 

11. 6 से 14 वर्ष तक की उम्र के बच्चों की शिक्षा का अवसर उपलब्ध कराना

 

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